भाजपा के सीनियर किसान नेता सुरजीत रामपाल का कहना था कि गाजियां, मरालियां, कोटली मियां फतेह, पृथ्वीपुर आदि में किसानों की सैकड़ों एकड़ में बासमती की फसल प्रभावित हुई है। किसानों ने जो लागत फसल लगाने के लिए लगाई थी, वह भी अब निकलने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक किसानों को चार साल पहले कुदरती आपदा में तबाह हुई धान की फसल का मुआवजा पूरी तरह से नहीं मिल पाया है कि एक बार फिर शनिवार तड़के आंधी तूफान के चलते कुदरती आपदा की भेंट बासमती फसल चढ़ गई है। इसके चलते किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं।