संवाद सहयोगी, सांबा: जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में कभी पाकिस्तानी गोलियां कहर ढाती थीं। अब वे खामोश हैं तो कुदरत ने सीमावर्ती किसानों की कमर तोड़ दी है। किसानों को संभलने का मौका दिए बगैर अचानक बदले मौसम ने न सिर्फ सांबा जिले, वरन जम्मू कश्मीर के अन्य जिलों में ऐसा कहर ढाया है कि इसका दर्द किसान जल्दी नहीं भूल पाएंगे। कई ऐसे इलाके हैं, जहां किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गई है। ऐसे में अब इन इलाकों में किसान मुआवजा पाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बना रहे हैं, क्योंकि उनको लगता है कि कहीं वर्ष 2019 की तरह इस बार भी उन्हें सरकार मुआवजा ही नहीं दे या बहुत कम ही राशि जारी करे।