उन्होंने कहा कि आज अधिकांश किसान ऐसे हैं जिनके पास अपने नाम की जमीन नही है। सरकारी जमीन पर काबिज किसानों की गिरदावरी पहले ही राजस्व विभाग ने खारिज कर दी थी। अब अगर इस जमीन से इन किसानों को पूरी तरह से बेदखल कर दिया तो एक नई समस्या पैदा हो जाएगी। जमीन का मालिकाना हक देने के लिए ही पूर्व सरकारों ने रोशनी एक्ट लागू किया था । लेकिन इस एक्ट की आड़ में राजनेताओं व नौकरशाह लोगों ने अपने घर भरे, किसान वहीं का वहीं रह गया। शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने कहा कि किसान के साथ इंसाफ कहां हुआ।