गैरसैंण पदयात्रा गांधी मूर्ति नैनीताल से चलकर गैरसैंण तक जाएगी। यात्रा का नेतृत्व दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र प्रवीण ¨सह कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जन प्रतिनिधि विकास के खोखले दावे कर रहे हैं। उत्तराखंड बनने के बाद यहां नशे की दुकानें जिस गति से खुली हैं यदि उसके आधे गति से भी विकास होता तो देवभूमि सचमुच स्वर्ग बन जाती लेकिन सरकारें विकास को लेकर शिथिल बनी हुई हैं। जिसका खामियाजा आम जनमानस को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की है कि गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाया जाए। ताकि विकास के रास्तें सूदूरवर्ती दुर्गम पहाड़ों तक पहुंच सके। उन्होंने बताया कि यात्रा गैरसैंण तक जाएगी और स्थाई राजधानी बनने तक वह आमरण अनशन करेंगे। नशा नहीं रोजगार दो और गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करो की मांग के साथ तहसील रोड पर एक रैली भी निकाली गई। इस दौरान तिरंगा हाथ में लेकर मांगों के समर्थन में नारेबाजी की गई। इस मौके पर जिला संयोजक उमेश टाकुली, रामकृष्ण तिवारी, एडवोकेट गो¨वद ¨सह भंडारी, एडवोकेट धीरज कोरंगा, गौरव शाह समेत कई लोग मौजूद रहे।