(शीर्षकऔरइंट्रोमेंसुधारकेसाथ)नयीदिल्ली,20अक्टूबर(भाषा)केंद्रसरकारद्वाराहालमेंलायेगएकृषिसंबंधीतीनकानूनोंकोलेकरराजनीतिकहंगामेकेबीच‘गांवकनेक्शन’द्वाराकियेगएएकसर्वेक्षणमेंयहबातसामनेआयीहैकिदेशकेआधेसेअधिककिसानइनकेविरोधमेंहैंलेकिनइनमेंसेएक-तिहाईकोइनकानूनोंकेबारेमेंजानकारीनहींहै।इसीतरहसेकृषिकानूनोंकासमर्थनकरने35प्रतिशतउत्तरदाताओंमेंसेलगभग18प्रतिशतकोइसकेबारेमेंजानकारीनहींहै।सर्वेक्षण‘दइंडियनफार्मर्सपर्सेप्शनऑफदन्यूएग्रीलॉज’मेंयहबातसामनेआयीकिइसकाविरोधकरनेवाले52प्रतिशतमेंसे36प्रतिशतकोइनकानूनोंकेबारेमेंजानकारीनहींहै।नयेकृषिकानूनअन्यचीजोंकेअलावाकिसानोंकोअपनीउपजखुलेबाजारमेंबेचनेकीआजादीदेतेहैं।‘गांवकनेक्शन’द्वाराजारीकियेगएएकबयानकेअनुसार,आमने-सामनेकायहसर्वेक्षणतीनअक्टूबरसेनौअक्टूबरकेबीचदेशके16राज्योंके53जिलोंमेंकियागया।सर्वेक्षणमेंउत्तरदाताओंकेरूपमें5,022किसानोंकोशामिलकियागया।'दरूरलरिपोर्ट2:दइंडियनफार्मर्सपर्सेप्शनऑफदन्यूएग्रीलॉज़'केतौरपरजारीसर्वेक्षणकेअनुसार,उत्तरदाताकिसानों(57प्रतिशत)केबीचइननएकृषिकानूनोंकोलेकरसबसेबड़ाडरयहहैकिवेअबअपनीफसलउपजखुलेबाजारमेंकमकीमतपरबेचनेकेलिएमजबूरहोंगे,जबकि33प्रतिशतकिसानोंकोडरहैकिसरकारन्यूनतमसमर्थनमूल्य(एमएसपी)कीव्यवस्थासमाप्तकरदेगी।इसकेअलावा,59प्रतिशतउत्तरदाताकिसानचाहतेहैंकिएमएसपीप्रणालीकोभारतमेंएकअनिवार्यकानूनबनादियाजाए।मध्यमऔरबड़ेकिसानोंकीतुलनामेंसीमांतऔरछोटेकिसानोंकाएकबड़ावर्ग,जिसकेपासपांचएकड़सेकमभूमिहै,इनकृषिकानूनोंकासमर्थनकरताहै।बयानमेंकहागयाहै,‘‘दिलचस्पहैकिउत्तरदाताकिसानोंमेंसेआधेसेअधिक(52प्रतिशत)द्वाराकृषिकानूनोंकाविरोधकरनेकेबावजूद(जिनमेंसे36प्रतिशतकोइनकानूनोंकेबारेमेंजानकारीनहीं),लगभग44प्रतिशतउत्तरदाताकिसानोंनेकहाकिमोदीसरकार'किसानसमर्थक'है।वहींलगभग28प्रतिशतनेकहाकियह‘किसानविरोधी’है।इसकेअलावाएकअन्यसर्वेक्षणकेसवालपरकाफीकिसानों(35प्रतिशत)नेकहाकिमोदीसरकारकिसानोंकासमर्थनकरतीहै,जबकिलगभग20प्रतिशतनेकहाकियहनिजीकार्पोरेटयाकंपनियोंकासमर्थनकरतीहै।’’संसदकेमानसूनसत्रकेदौरानतीनकृषिविधेयकपारितकियेगएथेजिसकेबादराष्ट्रपतिरामनाथकोविंदने27सितम्बरकोउन्हेंमंजूरीदीजिसकेबादयेकानूनबनगए।कृषिउपजव्यापारऔरवाणिज्य(संवर्द्धनऔरसुविधा)कानून-2020,किसानोंकोअधिसूचितकृषिउपजबाजारसमिति(एपीएमसी)केबाजारयार्डकेबाहरअपनीउपजबेचनेकीआजादीदेताहै।कृषक(सशक्तीकरणएवंसंरक्षण)कीमतआश्वासनसमझौताऔरकृषिसेवापरकरारकानून-2020किसानोंकोएकपहलेसेसहमतकीमतपरभविष्यकीकृषिउपजकीबिक्रीकेलिएकृषिव्यवसायीकंपनी,प्रोसेसर,थोकविक्रेताओं,निर्यातकोंयाबड़ेखुदराविक्रेताओंकेसाथअनुबंधकरनेकाअधिकारदेताहै।आवश्यकवस्तु(संशोधन)अधिनियम,2020काउद्देश्यअनाज,दलहन,तिलहन,प्याज,औरआलूजैसीवस्तुओंकोआवश्यकवस्तुओंकीसूचीसेहटानाहैऔरभंडारणसीमालगानेकीव्यवस्थासमाप्तकरनाहै।किसानऔरकिसानसंगठनोंकाएकवर्गनएकृषिकानूनोंकाविरोधकररहाहै।इननएअधिनियमोंपरकिसानोंकीरायऔरधारणाकादस्तावेजीकरणकरनेकेलिए‘गांवकनेक्शन’नेदेशकेसभीक्षेत्रोंमेंफैले5,022उत्तरदाताकिसानोंकेसाथयहसर्वेक्षणकिया।इसबीच,दो-तिहाईकिसानोंकोदेशमेंकिसानोंकेहालकेविरोधकेबारेमेंजानकारीहै।इसतरहकेविरोधप्रदर्शनोंकेबारेमेंजानकारीउत्तर-पश्चिमक्षेत्रकेकिसानोंकेबीचअधिकथी(91प्रतिशत)जिसमेंपंजाब,हरियाणाऔरहिमाचलप्रदेशशामिलहैं।पूर्वीक्षेत्र(पश्चिमबंगाल,ओडिशा,छत्तीसगढ़)केकिसानोंमेंकिसानोंकेविरोधकेबारेमेंसबसेकमजानकारीथीजहांआधेसेकम(46प्रतिशत)कोइसबारेमेंजानकारीहै।कुलमिलाकर,52प्रतिशतकिसानतीननएकृषिकानूनोंकेकथिततौरपरविरोधमेंहैं,जबकि35प्रतिशतइनकानूनोंकासमर्थनकरतेहैं।इनकानूनोंकासमर्थनकरनेवालोंमेंसेलगभगआधे(47प्रतिशत)उनकापक्षइसलिएलेतेहैंक्योंकिउनकामाननाहैकिइससेउन्हेंदेशमेंकहींभीअपनीफसलबेचनेकीआजादीमिलेगी।इनकानूनोंकाविरोधकरनेवालोंमें,सबसेअधिकउत्तरदाताकिसानों(57प्रतिशत)नेकहाकिवेतीनकानूनोंकासमर्थनइसलिएनहींकरतेक्योंकि‘‘किसानखुलेबाजारमेंकमकीमतपरअपनीउपजबेचनेकेलिएमजबूरहोंगे।’’