बालगृहों के कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन कराएं राज्य सरकारें: एनसीपीसीआर

जांच

नयीदिल्ली,30दिसंबर(भाषा)देशकेकईहिस्सोंकेबालगृहोंमेंहुईयौनशोषणकीकथितघटनाओंकीपृष्ठभूमिमेंराष्ट्रीयबालअधिकारसंरक्षणआयोग(एनसीपीसीआर)नेराज्योंएवंकेंद्रशासितप्रदेशोंसेकहाहैकिवेअपनेयहांचलरहेसभीबालगृहों(चाइल्डकेयरइंस्टीट्यूशंस)केकर्मचारियोंकापुलिससत्यापनकराएंताकिइसतरहकीघटनाओंपररोकलगसके।आयोगकेअध्यक्षप्रियंककानूनगोनेसभीराज्यों/केंद्रशासितप्रदेशोंकेमहिलाएवंबालविकासविभागकेप्रमुखसचिवोंकेनामलिखेपत्रमेंकहाहैकिबालगृहोंकेसभीकर्मचारियोंकापुलिससत्यापनकराएं,आगेनयीनियुक्तियोंसेपहलेभीपुलिससत्यापनसुनिश्चितकरेंतथा30जनवरी,2019तकअनुपालनरिपोर्टसौंपे।कानूनगोने‘पीटीआई-भाषा’कोबताया,‘‘किशोरन्यायकानून-2015और2016मेंलागूकिशोरन्यायनियमोंकेतहतयहअनिवार्यहैकिपुलिससत्यापनकेबिनाबालगृहमेंकिसीव्यक्तिकीनियुक्तिनहींकीजासकती।ऐसेमेंसुनिश्चितहोनाचाहिएकिसभीकर्मचारियोंकापुलिससत्यापनहो।’’उन्होंनेकहा,‘‘हमनेराज्योंसेकहाहैकिबालगृहोंमेंकामकररहेसभीकर्मचारियोंतथानयीनियुक्तियोंमेंभीपुलिससत्यापनसुनिश्चितकियाजाए।इससंदर्भमें30जनवरी,2019तकअनुपालनरिपोर्टभीमांगीगईहै।’’हालकेसमयमेंबिहारकेमुजफ्फरपुर,उत्तरप्रदेशकेप्रतापगढ़एवंदेवरियाऔरझारखंडकेरांचीकेकुछबालगृहोंमेंबच्चियोंकेयौनशोषणएवंबिक्रीकेमामलेसामनेआएहैं।इसतरहकीघटनाओंकेमद्देनजरएनसीपीसीआरकीओरसेराज्योंकोदियागयायहनिर्देशकाफीअहमहै।देशमेंमौजूदासमयमें8000सेअधिकबालगृहचलरहेहैं।