नईदिल्ली[संजीवगुप्ता]। अप्रैल2022में,कोयलेकीउपलब्धतामेंकमीकेकारणभारतमेंबिजलीसंकटपैदाहोगयाथा।बिजलीउत्पादनमेंभारीकमीदेखीगईऔरमहीनेके8दिनोंमें100मिलियनयूनिट(एमयू)सेअधिकऊर्जाकीकमीहुई।इसनेकईराज्योंमेंडिस्कॉमकोबिजलीसप्लाईराशनकरनेकेलिएलोड-शेडिंग/रोलिंगब्लैकआउटलागूकरनेकेलिएमजबूरकिया।बिजलीकीकमीदरअसलथर्मलपावरप्लांटोंमेंकोयलेकीनिकासीऔरभंडारणसेजुड़ीकीसमस्याओंकेकारणथी।
यहतटीयसंयंत्रोंकेलिएआयातितकोयलेकीकीमतमेंबढ़ोतरीऔरबिजलीएक्सचेंजपरउच्चकीमतोंकेसाथजुड़ीथी।मार्चबीते2022122वर्षोंमेंसबसेगर्मभीथा,जिससेबिजलीसंयंत्रोंमेंकोयलेकेस्टॉकपरप्रभावकेसाथशीतलनकेलिएबिजलीकीमांगमेंवृद्धिहुई।अप्रैलमेंभीइसतापमानसेकुछख़ासराहतमिलीनहीं।
मगरथिंकटैंकक्लाइमेटरिस्कहोराइजन्सकेनएविश्लेषणकेअनुसार,अगर175गीगावॉटरिन्यूएबलऊर्जालक्ष्यकीदिशामेंप्रगतिट्रैकपरहोतीतोदेशअप्रैलकेबिजलीसंकटसेबचसकताथा।
2016में,भारतने2022तक175गीगावाटअक्षयऊर्जातकपहुंचनेकाएकमहत्वाकांक्षीलक्ष्यनिर्धारितकियाथाऔरअप्रैल2022तक,इसकेपास95गीगावाटसौरऔरपवनऊर्जाकासंचालनथा।इसकामतलबहैकिलगभग51गीगावाटसेफिलहाललक्ष्यचूकरहाहै।
क्लाइमेटरिस्कहोराइजन्सकेविश्लेषकअभिषेकराजनेकहा, “हमारेविश्लेषणसेपताचलताहैकिअगरहमअपनेआरईलक्ष्यकोप्राप्तकरनेकेलिएट्रैकपरहोतेतोबिजलीसंकटनहींहोता।सौरऔरपवनसेअतिरिक्तउत्पादननेऊर्जाकीकमीकोमिटादियाहोताऔरबिजलीसंयंत्रोंकोअपनेघटतेकोयलेकेभंडारकोशामकीपीकअवधिकेलिए,जबसौरउत्पादनकमहोजाताहै,संरक्षितकरनेकीअनुमतिदीहोती।अतिरिक्तआरईउत्पादननेकमसेकम4.4मिलियनटनकोयलेकीबचतकीहोती।”
बिजलीकीकमीनेभारतकीकोयलाबिजलीऔरखननक्षमताकोऔरबढ़ानेकेलिएकुछकॉलोंकोजन्मदियाहै,बावजूदइसकेकिखदानोंमेंकोयलेकेस्टॉककीकोईकमीनहींथी,नहीस्थापितकोयलाबिजलीउत्पादनक्षमताकीकमीथी।बल्कि,यहसमस्याकोयलेकीआपूर्तिमेंरसदऔरनकदीप्रवाहकारणोंसेकमीकीवजहसेथी।
वहींक्लाइमेटरिस्कहोराइजन्सकेसीईओआशीषफर्नांडीसनेकहा,“दोबातेंसचहैं:2016केबादसेबड़ेपैमानेपरआरईवृद्धिकेबिना,अप्रैलमेंबिजलीसंकटबहुत,बहुतबुराहोता।साथही,अगरहमसालकेअंततक175गीगावॉटकेलिएट्रैकपरहोते,तोबिजलीकासंकटबिल्कुलहोताहीनहीं।कोयलाआपूर्तिश्रृंखलामेंतार्किकबाधाएंएकस्थायीविशेषताहैऔरनिश्चितरूपसेदोबाराहोंगीऔरहीटवेव(गर्मीकीलहरें)भीनिश्चितरूपसेबारबारआएंगे;सबसेअच्छाबचावअपनेबिजलीमिश्रणमेंविविधतालानाहै।यहकेंद्रऔरराज्यसरकारोंकोअपनेआरईपरिनियोजनकोतेजीसेबढ़ानेऔरकोयलेपरनिर्भरताकमकरनेकीआवश्यकताकोपुष्टकरताहै।”