जानें कौन हैं गुमला के वो वीर योद्धा, जिनके हुंकार से हिल गए थे अंग्रेज और जमींदार

जांच

गुमला,जासं।अदम्यसाहसकेबूतेतेलंगाखड़ियानेअंग्रेजीहुकूमतकोनकारदियाथा।उन्होंनेअपनेकथनमेंकहाथाकिजमीनउनकी,जंगलउनके,मेहनतउनकी,फसलेंउनकी,तोफिरजमींदारऔरअंग्रेजकौनहोतेहैंउनसेलगानऔरमालगुजारीवसूलनेवाले।फिरक्याथाआदिवासियोंकीतेजहुंकारसेउसवक्तजमींदारवअंग्रेजहिलगएथे।अंग्रेजीहुकूमतसेलोहालेनेवजमींदारीप्रथाकेखिलाफआवाजबुलंदकरनेवालेवीरशहीदतेलंगाखड़ियाकेवंशजकोएकसरकारीनौकरीतकनहींमिलपाईहै।इतनाहीनहीं।तेलंगाखड़ियाकापोताचंद्रपालखड़ियानेतेलंगाखड़ियासेप्रेरणालेकरदेशकीसेवाकरनेकीसोचीऔरसीआरपीएएफमेंनौकरीकेलिएसभीपरीक्षाएंपासकरलीलेकिनशरीरमेंएकघावनिकलजानेकेकारणनौकरीनहींमिलपाई।तेलंगाकीचौथीपुस्तगुमनामजिंदगीजीनेकोमजबूरहोचुकेहैं।तेलंगाखड़ियाकीहत्याकेबादउनकेपरिवारकेसदस्योंकोजमींदारोंनेमुरगूगांवसेखदेड़दिया।तबवेसिसईप्रखंडकेघाघरागांवमेंजाकरबसगए।वर्तमानमें15परिवारइसगांवमेंनिवासकररहेहैं।

एकवर्षकेबादभीक्षतिग्रस्तप्रतिमाकीनहींहोपाईमरम्मत

तेलंगाखड़ियाकेपोताजोगियाखड़ियानेबतायाकिघाघरागांवप्रवेशकरतेहीमुख्यचौराहेपरवीरशहीदतेलंगाखड़ियाकीप्रतिमालगाईगईहै।लेकिनइसप्रतिमाकोअसामाजिकतत्वोंनेक्षतिग्रस्तकरदियाहै।जिससेप्रतिमाकास्वरुपबदलगयाहै।इसप्रतिमाकीमरम्मतकरानेकेलिएपिछलेएकवर्षसेसरकारीदफ्तरोंकेचक्करकाटरहेहैंलेकिनकिसीभीसरकारीबाबूकोतेलंगाखड़ियाकाबलिदानयादनहींआरहाहै।अगरउन्हेंशहीदकाबलिदानयादरहतातोप्रतिमाकीमरम्मतजरुरकीजाती।तेलंगाखड़ियाकेवंशजमजदूरीकरकिसीतरहअपनेपेटभररहेहैं।जोगियाखड़ियानेबतायाकिप्रतिमाकीमरम्मतकेलिएकाफीरुपयेलगतेहैंऐसेमेंरुपयेकेअभावमेंवेलोगप्रतिमाकीमरम्मतभीनहींकरापारहेहैं।

पेयजल,सड़ककेअभावमेंगुजर-बसर

बसघाघरागांवमेंतेलंगाखड़ियाकेवंशजोंके15परिवारनिवासकरतेहैं।इसगांवमेंपेयजलकीकोईसुविधानहींहैा।कुआंकागंदापानीग्रामीणपीतेहैं।गांवमेंसड़कतकनहींहै।गंदापानीमेंवंशजनहानेकेलिएमजबूरहै।गांवमेंचारचारमाहतकबिजलीगायबरहतीहै।तेलंगाखड़ियानेमौतकोगलेलगाया।आजउसकेवशंजगुमनामीकीजिन्दगीजीरहेहैं।सरकारकीओरसेइन्हेंशहीदआवासवपीएमआवासमिलाहैइनकेपासजोखेतीलायकजमीनथीउसीजमीनकोआपसमेंबांटकर15परिवारअबकिसानीकरतेहैं।पोताचंद्रपालखड़ियाकोजबनौकरीनहींमिलीतोपंजाबमेंमजदूरीशुरूकी।खेतीकेसमयगांवलौटआतेहैंऔरफिरमजदूरीकरनेकेलिएदूसरेराज्यतेलंगाखड़ियाकेवंशजपलायनकरतेहैं।

प्रशासननेसिर्फआश्वासनदेनेकाकमकिया

तेलंगाखड़ियाकेवंशजजोगियाखड़ियानेबतायाकितीन-चारमाहपहलेजिलाप्रशासनकेद्वारागांवघाघरापहुंचकरसारीसुविधाउपलब्धकरानेकेलिएउनलोगोंकेसाथबैठककीथी।बैठकमेंउनलोगोंनेगांवपहुंचनेकेलिएसड़क,पीनेकेलिएडीपबोरिंग,सौरऊर्जालाइट,सरनाचारदीवारीकीमांगकिएथेप्रशासनकेद्वाराआश्वासनमिलाथाकिउनलोगोंकीमांगकोजल्दपूराकरेंगेलेकिनसिर्फआश्वासनभरमिलाधरातलमेंकोईकार्यनहींहुआ।जोगियाखड़ियानेबतायाकिसिर्फप्रखंडप्रशासनकेद्वाराउनकाहीवृद्धापेंशनबनाकरदियाबाकीलोगोंकावृद्धापेंशनअभीतकनहींबनाहैवहीशहीदोंकेवंशजोंकोपरिचयपत्रदेनेकीबातहुईथीलेकिनवहभीनहींदियागयाहै।तेलंगाखड़ियाकीक्षतिग्रस्तप्रतिमाकोमरम्मतकरनेआश्वासनप्रशासननेदियाथा।लेकिनअभीतकनहींकियागयाहै9जनवरीकोतेलंगाखड़ियाकीजयंतीहै।ऐसेमेंक्षतिग्रस्तप्रतिमापरहीमाल्यार्पणकरनेकोविवशहैं।उन्होंनेबतायाकितेलंगाखड़ियाकेजयंतीकेआयोजनपरप्रशासनकीओरसेकोईसहयोगनहींमिलताहैा।उनकापरिवारहीअपनेखर्चेपरजयंतीकाआयोजनकरतेंहैं।

1880मेंहुआथाखड़ियाविद्रोह

तेलंगाखड़ियाकेनेतृत्वमेंअपनीमाटीकीरक्षाकेलिएखड़ियाविद्रोह1880मेंहुआ।लेकिन23अप्रैल1880मेंअंग्रेजोंकेदलालबोधनसिंहनेगोलीमारकरतेलंगाखड़ियाकीहत्याकरदीथी।तेलंगाखड़ियाकाजन्म9फरवरी1806कोगुमलाजिलाकेसिसईप्रखंडकेमुरगूगांवमेंहुआथा।वहएकसाधारणकिसानकेबेटेथे।लेकिनअंग्रेजोंवजमींदारोंकेजुल्मकेखिलाफउन्होंनेहथियारउठाएथे।घाघरागांवमेंप्रत्येकवर्ष9फरवरीकोतेलंगाखड़ियाकीजयंतीपरमेलाकाआयोजनकियाजाताहै।इसमेलाकाखर्चतेलंगाकेवंशजहीवहनकरतेहैं।इसमेंसरकारीमददउन्हेंनहींमिलतीहै।