ककराला अनायत में पीने के पानी की व्यवस्था, न ही स्कूल

जांच

जागरणसंवाददाता,कैथल:सीवनखंडकेगांवककरालाअनायतमेंग्रामीणोंकोमूलभूतसुविधाएंनहींमिलरहीहै।जिसकारणयहांकेग्रामीणोंकोकाफीपरेशानीकासामनाकरनापड़ताहै।गांवमेंनतोपीनेकेपानीकीव्यवस्थाहैऔरनहीयहांपरस्कूलहै।गांवकेबच्चोंकोपांचवीकक्षातककीशिक्षाग्रहणकरनेकेलिएदोकिलोमीटरदूरस्थितगांवपाबसरमेंजानापड़ताहै।उन्हेंकाफीकठिनाईकासामनाकरनापड़ताहै।ग्रामीणोंकाकहनाहैककरालाअनायतपहलेएकहीपंचायतहोतीथी,जोकुछसालपहलेदोपंचायतेबनगईहै।दूसरीपंचायतककरालाकुचियांकीहै।यहांतोतमामसुविधाएंग्रामीणोंकोमिलरहीहैं,लेकिनककरालाअनायतकेलोगपरेशानहैं।

20सालपहलेबनचुकीहैंदोपंचायते:

ग्रामीणस्वर्णकुमारनेबतायाकिगांवकांगथलीकेपासस्थितककरालाअनायत20सालपहलेएकहीपंचायतहुआकरतीथी।इसकेबादयहांपरइसीगांवकेकुछलोगोंनेडेराकुचियांकोबसाया।जिसकेबादइसपंचायतकानामककरालाकुचियांरखदियागया।यहांपरतमामसुविधाएंमिलनेलगी,लेकिनककरालाअनायतअनदेखीकाशिकारहुआ।यहांग्रामीणोंकोकाफीपरेशानीकासामनाकरनापड़रहाहै।कोईभीसुविधानमिलनेकेकारणकाफीकठिनाईकासामनाकरनापड़ताहै।

पीनेकेपानीकीसुविधाभीनहीं:

ग्रामीणमहेंद्रसिंहनेबतायाकिगांवमेंहालातिइतनेबुरेहैंकियहांपरग्रामीणोंकोपीनेकापानीतकनसीबनहींहोपाताहै।यहांकुछलोगोंकीओरसेघरमेंहीबोरलगवाएगएहैं,जहांसेवहलोगपानीभरतेहैं।पानीभरनेकेबादवहउन्हेंबिजलीकाबिलभीदेतेहैं।इसप्रकारसेपानीकोलेकरभीकाफीमशक्कतग्रामीणोंकोकरनीपड़तीहै।

ग्रामीणजरनैलसिंहनेबतायाकियहांपरप्राइमरीतककास्कूलभीनहींहै।हालांकिआंगनबाड़ीतोहैं,लेकिनक्याआंगनबाड़ीसेपांचवींतककीपढ़ाईहोगी,यहबड़ासवालहै।वहसरकारसेमांगकरतेहैंकिजल्दहीयहांनएस्कूलकानिर्माणभीकरवायाजाए।

गांवकीस्थापनाअंग्रेजोंसेपहलेमुसलमानोंसमुदायकेलोगोंनेकीथी।यहांपरकाफीसंख्यामेंमुसलमानशुरूआतमेंबसेथे,लेकिनबादमेंयहांपरपंजाबसेआएकुछसिखआकररहनेलगे।इसकेबादसेयहगांवबसाहै।इसगांवमेंकुछआबादीकरीबदोहजारलोगोंकीहै,जबकि1100केकरीबवोटहैं।

विकासकार्यलगातारकरवाएजारहे

गांवकेसरपंचपरमजीतसिंहनेबतायाकिगांवमेंविकासकार्यलगातारकरवाएजारहेहै।पानीकेबोरकोलेकरजनस्वास्थ्यविभागकीओरसेनयाबोरलगवायाजानाहै।जिसकोलेकरपंचायतकीओरसेआग्रहकियागयाहै।गांवमेंसमस्याओंकानिपटानकरनाहीउनकीप्राथमिकताहै,जोभीसमस्याहै,उसेजल्ददूरकरवायाजाएगा।