मैरवा में 1.34 करोड़ खरीफ सूखा राहत की राशि वितरित

जांच

सिवान।प्रखंडमेंकिसानोंकेबीचकरीब1.34करोड़रुपयेखरीफसूखाराहतकीराशिअबतकवितरितकरदीगईहै।यहरकमकिसानोंकोउनकेखातेमेंभेजीगईहै।इसकेबावजूदअभीभीकाफीसंख्यामेंकिसानखरीफसूखाराहतकीराशिसेवंचितहैं।वेइसकेलिएप्रखंडकृषिकार्यालयकाचक्करकाटरहेहैं।विभागीयअधिकारीइसकेलिएबैंकजिम्मेवारबतारहेहैं।मैरवाप्रखंडमेंखरीफफसलकेदौरानकिसानोंकोसूखाकीमारझेलनीपड़ीथी।राज्यसरकारनेसुखाक्षेत्रकीघोषणाकेबादकिसानोंकोखरीफसूखाराहतउपलब्धकरानेकेलिएराशिजारीकीथी।इसकेअंतर्गतमैरवामें2341किसानोंनेनिबंधनकरातेहुएआवेदनकियाथा।इसदावेकेतहतदिएगएआवेदनोंकीजांचप्रखंडकृषिकार्यालयकेअधिकारीएवंकर्मियोंनेकी,जिसकेअंतर्गत2286आवेदनवैधपाएगए।

प्रखंडकोखरीफसूखाराहतकेलिए1करोड़33लाख75हजार121रुपयेउपलब्धकराएगएऔरखरीफसूखाराहतकादावाकरनेवालेएवंजांचमेंवैधपाएगए2286किसानोंकेआवेदनकेआधारपरउनकेबैंकखातेमेंयहराशिभेजदीगई,लेकिन1करोड़18लाख291रुपयेहीकिसानोंकेबीचइसराहतमदसेवितरितहोसकाऔर15लाख74हजार830रुपयेकिसानोंकेखातेमेंट्रांसफरनहींहोसका।इसतरहबहुतसारेकिसानखरीफसूखाराहतकीराशिसेअभीभीवंचितहैं,लेकिनइसकेलिएकृषिविभागबैंककर्मियोंकेमनमानेरवैयाकोजिम्मेवारबतारहाहै।कहाजारहाहैकिबैंकजानबूझकरकिसानोंकोपरेशानकररहेहैं।इससंदर्भमेंबतायाजारहाहैकिजिनकिसानोंएनपीसीआईनहींहोसकाहै।उनकेबैंकखातेमेंयहराशिनहींजासकीहैऔरयहकामबैंककोकरनीहै।जिनकिसानोंकोसूखाराहतकीराशिबैंकखातेमेंअबतकनहींपहुंचीहैउनमेंअधिकांशकाबैंकअकाउंटयूनाइटेडबैंकऑफइंडिया,बैंकऑफइंडियाऔरभारतीयस्टेटबैंकऑफइंडियाशाखामैरवामेंहै।कहतेहैंकृषिपदाधिकारी:

खरीफफसलसहायताकीराशिकिसानोंकोबैंकखातेमेंट्रांसफरकेलिएबैंककोभेजदीगईहै।कुछकिसानोंनेखातेमेंराशिनहींपहुंचनेकीशिकायतकीहै।बैंककीलापरवाहीसेहीकुछकिसानोंकेखातेमेंराशिअबतकनहींजासकीहै।किसानोंकोअपनेबैंकसेमिलकरखातेको

एनपीसीआईसेजोड़वालेनीचाहिएताकिउनकेखातेमेंभीराशिचलीजाए।

जनार्दनप्रसादयादव,प्रखंडकृषिपदाधिकारी,मैरवा(सिवान)बैंकसेलेकरकार्यालयतकलगारहेचक्कर

संसू,मैरवा(सिवान):प्रखंडकेइंग्लिशपंचायतकेपूर्वमुखियाहदीसखां,वार्डसदस्यशेखमोहम्मदआलम,लेभरीकेविद्यासागरतिवारी,

इंग्लिशकेछोटूरामकेटोलानिवासीराजेंद्रराम,प्रदीपचौधरी,यूनाइटेडबैंकऑफइंडिया,मैरवाशाखामेंसूखाराहतकीराशिकेलिएचक्करकाटरहेहैं।ऐसेहीबहुतसारेकिसानहैंजोकभीप्रखंडकृषिकार्यालयतोकभीबैंककाचक्करकाटरहेहैं।कृषिविभागकेकर्मीउन्हेंराशिउनकेखातेमेंभेजदिएजानेकीबातकहकरलौटारहेहैं।