निजी खाद विक्रेता कर रहे हैं किसानों का शोषण

जांच

संवादसहयोगी,होडल:यूरियाखादकेनामपरकिसानोंकीदिक्कतेंकमहोनेकानामनहींलेरहीहैं।किसानखादलेनेकेलिएसुबहकालाईनमेंलगताहैऔरघंटोंबादहीखादउपलब्धकरपाताहै।निजीखादविक्रेताकिसानोंकाशोषणकररहेहैं।किसानोंकोखादकेसाथजबरनकीटनाशकदवालेनेकेलिएविवशकररहेहैं।

हालांकिइफकोऔरकृभकोसेवाकेंद्रोंपरपिछलेतीनदिनोंसेपर्याप्तमात्रामेंखादउपलब्धहै,लेकिनसमयकीबाध्यताकेकारणकिसाननिर्धारितसमयपरवहांपहुंचनहींपाताहै।वहांसुबहहीसूचीबनानेकेबादखादकावितरणशुरूकियाजाताहै।खादखत्महोनेकाबोर्डलगतेहीनिजीखादविक्रेताओंकीपौबारहहोजातीहै।इससेकिसानबेहदपरेशाननजरआरहेहैं।

मैंखादलेनेकेलिएपिछलेकाफीदिनोंसेसरकारीखादएजेंसीकेचक्करकाटरहाहूं,लेकिनखादउपलब्धनहींहोरहाहै।मजबूरीमेंनिजीखादविक्रेतासेज्यादामूल्यपरखादखरीदाहै।

सरकारद्वारापर्याप्तमात्रामेंकिसानोंकोसमयपरखादउपलब्धकरानाचाहिए,जिससेकिसानोंकोनिजीखादविक्रेताओंद्वाराकीजारहीकालाबाजारीपररोकलगाईजासके।

फसलबुवाईसेपहलेहीखादविक्रेताकालाबाजारीशुरूकरदेतेहैं।सरकारीएजेंसियोंपरखादनहींहोताहैऔरनिजीखादविक्रेताओंकेगोदामखादसेभरेरहतेहैं।इनपरकार्रवाईहो।

फिलहालसेवाकेंद्रपरकिसानोंकोआधारकार्डऔरपोशमशीनसेपर्याप्तमात्रामेंसरकारीरेटपरखादउपलब्धकरायाजारहाहै।कईबारपीछेसेखादनहींमिलनेकेकारणसमस्याहोजातीहै।

-जितेंद्र,प्रभारीकृभकोसेवाकेंद्र