कटिहार,प्रकाशवत्स।''कैलनमोदीजीएलान,सतर्करहेकेहिंदुस्तान...।''गांवकीगलियोंमेंमस्तीमेंगीतगातेजारहेमुक्तिनाथयादव।कोसीकावहअतीतजैसेफिरसेजीउठाहो,जिसेप्रसिद्धआंचलिककथाकारफणीश्वरनाथरेणुने'मैलाआंचल'मेंपिरोयाथा।
त्रासदीकेदौरमेंकायमकोसीकीमिट्टीकीजिंदादिली
त्रासदीतबभीथी,आजभी।लेकिनकोसीकीमिट्टीकीजिंदादिलीदेखतेबनतीहै।यहीतोहैअपनेदेशकीखासियत,जहांआमआदमीअपनीभाषामेंवक्तकीनजाकतकोपढऩाजानताहै।बिहारकेकटिहारजिलेकेडंडखोराप्रखंडकाद्वाशयगांव।कोरोनाकाखौफहैतोकौतूहलभी।लॉकडाउनहै,सोघरोंकेदरवाजेबंदयागलियोंमेंइक्का-दुक्कालोग।इसीमिट्टीसेकभीरेणुने'मैलाआंचल'केपात्रचुनेथे।
पहलेभोगचुकेहैजाकीत्रासदीवबाढ़कीविभीषिका
आजादीसेपहलेकीबात।हैजाकीत्रासदी,बाढ़कीविभीषिका,गरीबी।पढऩेकीकोशिशकरेंतोवेसारेपात्रऔरदृश्यजैसेआजफिरसामनेहों।बिरंचीसेलेकरविश्वनाथप्रसादतक,जोकथाकानायकथा।अभीकेपंचायतप्रतिनिधिइसीरूपमें।कभीपुलिसकीगाड़ीआतीहै,कभीअफसरगुजररहे।खिड़कीसेझांकतेलोगसाहसबटोरकरदलानतकआतेहैं।इसबीचकिसीकीकड़कआवाज-तुमलोगसमझतेनहींहो...।कदमफिरआंगनकीओरसरकजातेहैं।
अलमस्तगातेदिखेमुक्तिनाथ-कैलनमोदीजीएलान...
द्वाशयगांवमेंशुक्रवारकीदोपहरकरीब12बजेकमंडलमेंदूधलिएमुक्तिनाथपड़ोसकीकाकीकेयहांजारहेहैं।एकदमअलमस्त।गीतगातेहुए-कैलनमोदीजीएलान...।रेणुकेमैलाआंचलकेपात्रोंकोयादकरें,ढोलकपरतालदेताढोलकिया-ढिकढिक...।कैलनमोदीजी...ठीकवहीदृश्य।गांवनेसंदेशसमझलियाहै।थोड़ीदेरपहलेपुलिसकीगाड़ीगुजरीहै।
एक-दूसरेसेदूरीबनाकरचौपाल,बसकोरोनाकीहीचर्चा
जगनीदेवीअपनीटुपिया(बकरी)कीरासथामेओटसेहीआवाजलगातीहै।बगलसेपरवतिया,सुगनीआदिभीजमाहोजातीहैं।महिलाओंकीचौपालएक-दूसरेसेदूरीबनाकरखड़ीहै।पूरीतरहसजग।विषयकोरोनाहीहै।जगनीकेकानोंमेंमगरूकीआवाजपड़तेहीवहभागतीहै।चौपालखत्म।
करीब90सालकेवयोवृद्धनारायणदरवाजेकेपासजमेहैं।शारीरिकदूरीबनाएकईयुवकउन्हेंघेरकरबैठेहैं।बूढ़ीआंखेंबीतेदौरमेंझांकरहीहैं।युवकउत्सुकतासेसुनरहेहैंकिकिसतरहहैजाफैलाथा।ऐसाहीमाहौलथा।गांवकेगांवखालीहोगएथे।सबनेमिलकरमोर्चालियाथा।कोरोनाकोभीदेखलेंगे।ठहाकेलगतेहैं।खैनीभीरगड़ीजारही।गांवकीमिट्टीकोरोनाकोभगानेकेउपायपरकुछऐसेहीमंथनकररहीहै।
इसगांवनेसमझलियाहैसंक्रमणसेबचावकामर्म
इसगांवमेंबच्चेहोंयाबूढ़े,सभीनेइसबातकोसमझलियाहैकिएकदूसरेसेउचितशारीरिकदूरीबनाकररखनाहै,एकदूसरेकीमददकरनाहैऔरखुदकोवऔरोंकोकोरोनासंक्रमणसेबचावकेलिएसजगकरतेचलनाहै।