प्राचीन भारत से रूबरू होने के लिए इन गावों की एक बार जरूर करें सैर

जांच

दिल्ली,लाइफस्टाइलडेस्क।'गांवोंमेंबसताहैभारत'यहकहावतचरितार्थसाबितहोतीहै।जबआपदेशकेविभिन्नजिलोंकेगांवोंकीसैरकरतेहैं।ऐसाकहाजाताहैकितकरीबनहर5किलोमीटरकीदूरीपरखानपान,रहन-सहनऔरभाषाबदलजातीहै।इसकेलिएभारतकोविभिन्नताओंकादेशकहाजाताहै।अगरआपभीप्राचीनभारतसेरूबरूहोनाचाहतेहैं,तोइनगांवोंकीएकबारजरूरकरेंसैर-

नेपुरागांव,बिहार

बिहारकेनालंदाऔरराजगीरकेमध्यनेपुरागांवस्थितहै।यहगांवकढ़ाई-बुनाईकेलिएप्रसिद्धहै।आसानशब्दोंमेंकहेंतोलोगोंकेजीविकोपर्जनकामुख्यजरियाकढ़ाई-बुनाईहै।इतिहासकारोंकीमानेंतोमहावीरऔरगौतमबुद्धनेपुरामेंरुकेथेऔरपहलाउपदेशगौतमबुद्धनेइसगांवमेंहीदियाथा।यहगांवकईअन्यविशेषताओंकेलिएभीप्रसिद्धहै।जबकभीअवसरमिले।एकबारनेपुरागांवजरूरजाएं।

कर्नाटककेशिमोगाजिलेमेंस्थितमत्तूरगांवअपनीविशेषताकेलिएप्रसिद्धहै।इसगाँवकीसबसेबड़ीविशेषतायहहैकिहरव्यक्तिसंस्कृतमेंहीबातकरताहै।आपजबकभीमत्तूरजाएंगे,तोसंस्कृतभाषामेंआपकास्वागतकियाजाएगा।लोगनदीकिनारेमंत्रकाजापकरतेहैं।अगरआपप्राचीनभारतसेरुबरुहोनाचाहतेहैं,तोएकबारमत्तूरगांवअवश्यजाएं।

मांडवा,राजस्थान

राजस्थानअपनीसंस्कृतिऔरसभ्यताकेलिएदुनियाभरमेंप्रसिद्धहै।अक्सरविदेशीपर्यटकअपनीयात्राकीशुरुआतराजस्थानसेहीकरतेहैं।इसराज्यमेंघूमनेकेलिएकईमशहूरपर्यटनस्थलहैं।साथहीझुंझुनूशहरमेंबसामांडवागांवअपनीविरासतकेलिएजानाजाताहै।इसगांवमेंआपहवेली,मीनारऔरप्राचीनइमारतोंकादीदारकरसकतेहैं।बड़ीसंख्यामेंपर्यटकमांडवाघूमनेआतेहैं।जबकभीआपराजस्थानजाएं,तोएकबारमांडवाजरूरजाएं।