जेएनएन,मुजफ्फरनगर।अवतारनारायणकौल।अफसरी,अदबऔरइंसानियतकावोमुकम्मलफलसफा,जिसकाअंतहोगया।लखनऊसमेतकईजिलोंमेंएसपीसेडीआइजीतककासफरकरआइजीसेसेवानिवृत्तअवतारनरायणकौलकासोमवारको93सालकीआयुमेंदिल्लीकेअस्पतालमेंनिधनहोगया।दिल्लीमेंलोधीरोडविद्युतशवदाहगृहमेंअंतिमसंस्कारकियागया।पूरेजिलेमेंशोककीलहरदौड़गई।लंबेसमयसेबीमारीकेचलतेवहअपनेबेटेकेपासदिल्लीमेंरहरहेथे।बतादेंकिचर्चितनितीशकटाराहत्याकांडमेंबेटेकोइंसाफदिलानेकीलड़ाईलड़नेवालीनीलमकटाराकौलसाहबकीबेटीहैं।
पूर्वआइजीएएनकौलमूलरूपसेकश्मीरीथे।उनकेपिताकेएनकौलनामदारवकीलथे,जोकाफीसमयपहलेमुजफ्फरनगरमेंबसगएथे।कौलसाहबने1951मेंबतौरडीएसपीपुलिसज्वाइनकी।35सालअफसरीकरनेकेबादमुजफ्फरनगरकारुखकिया।इसबारेमेंपूछनेपरकौलसाहबयहीकहतेथेकितबरोटीकाकर्जथातोबाहररहे,अबमिट्टीकाकर्जउताररहाहूं।पत्नीमाधवीकौलकीमृत्युकेबादबेटेनेउन्हेंकईबारसाथचलनेकेलिएमनाया,लेकिनमुजफ्फरनगरकीमुहब्बतवहछोड़नहींपाए।कुछसालपहलेबीमारहुएतोबेटेकेसाथचलेगए।
किताबकेजरिएसौंपगएविरासत
एएनकौलनेदोकिताबेंलिखीं,जिनमेंएककिताबकेजरिएवहमुजफ्फरनगरकीनईनस्लकोविरासतसौंपगए।उनकीकिताबजानेकहांगएवोदिनतबकेमुजफ्फरनगरकोबताती-सुनाती-दिखातीहै,जोउन्होंनेदेखा।कौलसाहबनेअपनीकिताबमेंलिखाकिमुजफ्फरनगरसेकभीशिवालिककीपहाड़ियांसाफदिखतीथीं।जिसनेयहपढ़ाउसेतबअजूबालगा,लेकिनकोरानाकालमेंलाकडाउनकेदौरानप्रदूषणछंटातोशिवालिकपर्वतश्रंखलादिखनेलगीं।कौलसाहबनेदूसरीकिताबझरोखेसेअपनेपुलिससेवाकेअनुभवोंकोसमेटतेहुएलिखीथी,जोअपनेआपमेंपुलिसकर्मियोंकेलिएईमानदारी,दिलेरीऔरकर्तव्यनिष्ठाकापूरासलेबसहै।
नामअवतारनारायणकौल
पुलिससेवा:लखनऊसमेतकईजिलोंमें1952से1963तकडीएसपी,1963से1975तकएसपी,1976से83तकडीआइजी,1983से1986तकआइजीरहे।
सम्मान:1972मेंइंडियनपुलिसमेडल,1983मेंराष्ट्रपतिपुलिसमेडल,1973मेंउत्तरप्रदेशसरकारसेसनदवपुरस्कारसमेतअनेकसंस्थाओंसेसम्मानित