हरदोई:शहरमेंफैलीबेरोजगारीऔरगांवोंमेंकामउन्हेंबुलारहाथा,लेकिनरास्तालंबाथाऔरसाधनकोईनहीं।पैदलचलनेकीसोचीपरभविष्यकीखातिरजमाकिएगएचंदरुपयेउनकेवर्तमानकेकामआए।राजस्थानकेभरतपुरमेंहीसाइकिलखरीदीऔरगांवकेलिएचलदिए।चारदिनबादहरदोईपहुंचेइनश्रमिकोंकीघरपहुंचनेकीखुशीसेउनकेचेहरोंकीथकानदूरभागगई।
अहिरोरीकेवाजिदनगरनिवासीराजकुमार,पिटू,राजेशऔरप्रेमपालराजस्थानकेभरतपुरमेंकामकरतेथे।लॉकडाउनकेबादकामबंदहोगयातोवहबेरोजगारहोगए।बेरोजगारीऔरघरकीचिताउनलोगोंकोपरेशानकररहीथी।वहांखालीथे,सोचागांवपहुंचजाएंतोवहांकामहीकामहै,लेकिनकोईसाधननहींमिलरहाथा।पैदलकेलिएलंबारास्ताथा।राजकुमारकेमनमेंविचारआयाकिअबतोगांवमेंहीरहनाहैऔरवहांआनेजानेकेलिएसाइकिलखरीदनीपड़ेगीतोक्योंनसाइकिलखरीदकरचलाजाए।सभीकेपासघरभेजनेकेलिएरुपयेरखेथे।उनकाकहनाहैकिपांचहजाररुपयेमेंकिसीतरहसाइकिलखरीदीऔर16तारीखकोहीसाइकिलसेगांवकेलिएचलदिए।सोमवारकोहरदोईपहुंचे।थकेतोबहुतथेलेकिनघरपहुंचनेकीखुशीसेउनकाचेहराचमकरहाथा।बोलेअबतोघरआगए,अबगांवमेंहीपरिवारकेसाथरहकरकामकरेंगे।